रंग जिंदगी तरह
रंग भी जिंद़गी की तरह होते हैं
सजीव जिन्दा
जो देते हैं तमाम खुशियाँ
और तमाम दुख भी
अजीब सा रिश्ता है मेरा
इन रंगों के साथ
जब कोई भी नहीं होता
मेरे ईद गिर्द
तब भी ह़ाँ तब भी
ये चलते रहते हैं
मेरे साथ-साथ
मेरे सुख में
और दुख में भी
और तब मैं
इनसे मिलकर बनाता हूँ
एक ऐसी उम्दा तस्वीर
जो ज़िन्दा कर देती है
उन तमाम पलों को
जो कभी
मेरे हिस्से के नहीं थे
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