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कमीज
हमसे कुछ बड़ी है
हमारी कमीज़
वैसे ही जैसे कमीज़ से बड़ी है चादर
और चादर से बड़ा आसमान
हमने पहन ली है कमीज़
ओढ़ लिए हैं
चादर और आसमान
मेरा ख्याल है
आसमान, चादर और कमीज़ के नीचे
सिर्फ़ मैं हूँ सोचने वाला
क्या मैं भी हूँ एक आसमान
मेरे भीतर भी है कोई चादर
एक कमीज़ भी
कोई जसने पहना हुआ है जिस्म
क्या इस सबके भीतर भी है कोई
जो सोचता है
३० जनवरी २०१२
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