अनुभूति में
सत्यनारायण सिंह की रचनाएँ-
दोहों में-
आ गया पावन दशहरा
प्रेम दस दोहे
प्रेम दस और दोहे
प्रेम इक्यानवे दोहे
गीतों में-
अमर मधुशाला
कहाँ छिपे चितचोर
स्वतंत्रता दिवस पर
क्षणिकाओं में-
क्षण, सुख-दुख, प्रेम, प्रार्थना
संकलन में-
होली -
होली की संध्या
शुभकामना
गुच्छे भर अमलतास -
सोनहली के सोनपुष्प
जेठ माह की दोपहरी
पिता की तस्वीर -
जीवनदाता
ज्योतिपर्व-
आओ ज्योतिपर्व मनाएँ
दीप का संदेश
दीप प्रकाश
दिवाली दोहे
तेरा मेरा नाता
जग का मेला-
दीदी गौरैया
नया साल-
नव वर्ष का स्वागत करें
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नव वर्ष के हे सृजनहार
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स्वतंत्रता दिवस
पर
विघटन की आँधी
आज जोर
हिल रहा देश का ओर छोर
है भड़क उठा फिर जातिवाद
कहीं भाषा कहीं प्रान्तवाद
गाँधी के सपने चूर - चूर
कर मंदिर मस्जिद का विवाद
खंडित है मानवता लाचार
गोधरा मे गूँजे आर्तनाद
इस लोकतंत्र के मंदिर पर
अब होता आतंकी प्रहार
मन सुन्न और विक्षुण्ण करे
कालुचक का वह नरसंहार
हा ! दानवता का हिंस्रनाद
भरता मेरे मन में विषाद
हो सावधान भारत के जन
करना है इन पर अतिक्रमण
रचना है ऐसा देश स्वजन
हो हर विपदा का उच्चाटन
स्वातंत्र्य दिवस तुम अति पावन
भर दो जन मन में नव चेतन
पुलकित हो सबका उर आनन
हो राम राज का अभिसेचन
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