जिसमें एक दास्तान है यारो
जिसमें एक दास्तान है यारो
ज़िंदगी वो मकान है यारो।
जिसमें हर रोज़ लोग बिकते हैं
ज़िंदगी वो दुकान है यारो।
एक हँसता है एक रोता है
ज़िंदगी इम्तिहान है यारो।
जिसमें उलझे हैं फ़ैसले कितने
ज़िंदगी वो बयान है यारो।
हौसले हों अगर हों परिंदों से
ज़िंदगी आसमान है यारो।
जिसमे अल्फ़ाज़ नहीं हैं 'त्यागी'
ज़िंदगी वो ज़बान है यारो।
24 मार्च 2007
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