हमको ऐसी सज़ा दीजिए
हमको ऐसी सज़ा दीजिए,
दिल में कैदी बना लीजिए।
बज्म़ की जाँ निकल जाएगी,
हमको अपना बता दीजिए।
आदमी अब खुदा हो गया,
आदमी को बचा लीजिए।
बुतकदों से करे भी तो क्या,
अब खुदा को रिहा कीजिए।
मैकदों की ज़रूरत है क्या,
नाम उनका सुना दीजिए।
दुनिया अपनी ही बन जाएगी,
खुद को अपना बना लीजिए।
एक 'संदेश' सब के लिए,
दर्द में भी मज़ा लीजिए।
24 मार्च 2007
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