मैं
इश्क का दिन हुआ
मैं इश्क का दिन हुआ
तुम उसमें रोशनी हुईं
मैं आकाश हुआ गमों की
रात का
तुम उसमें चाँद की किरन हुईं
मैं लंबा सफ़र हूँ
दुनिया का
तुम मेरे सफ़र का साथ हुईं
मैं एक खिड़की का काँच
हूँ
तुम दूर से पास आती लहर हुईं
मैं किस्सा हूँ वक्त
पर लिखा
तुम उसमें खूबसूरत ज़िक्र हुईं
२ नवंबर २००९
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