दोस्ती
दोस्तों एक राह पर साथ
चलना नहीं होता
ये अहसास का सफ़र है पूरा नहीं होता
दोस्तों किसी बासीपन
को लेकर नहीं चलती
इसकी राह में कोई कदम पुराना नहीं होता
दर्द जिसका चाँद-सा हो
खुशी समंदर-सी
इसकी दोस्ती से कोई जहाँ बाकी नहीं होता।
ज़िंदगी की नर्सरी में
हज़ार रिश्ते हैं
दोस्ती की महक वाला कोई रिश्ता नहीं होता
दर्द से लबरेज दोस्त
है वादे मत करो
सामने चुप खड़े रहना कुछ काम नहीं होता
१६ मई २००६ |