कुछ
दिन और मैं
मेरे दिनों को स्ट्रीट
लाइट
बना कर टाँग दिया
मैंने अपना हर दिन प्यार से रंगा था
आज शहर में हर तरफ़ मेरे दिन टँगे हैं
मेरे दिन जो नीले लाल
हैं
आज मेरे दिन मुझ से कितने दूर हैं
मेरे दिन चमक रहे हैं
लाइटों में
सारा शहर गुज़र रहा है
मेरे दिनों में चमक
रहा है प्यार
बरस रहा है मुस्कुराते शहर पर
मैंने अपने दिन छोड़
दिए हैं
मेरे दिन प्यार कर रहे हैं
मैं अकेला हूँ अपने दिनों के बिना
मैं खड़ा हूँ अपने ही दिनों के प्यार में
अपने दिनों की चमक से भरा हुआ
२ नवंबर २००९ |