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अनुभूति में चाँद शेरी की रचनाएँ—

नई रचनाओं में-
अपने जीवन में
काले काले बादल भी ला
बरसात होगी
लोग जिसको ताज पहनाने चले
सहमी सहमी

अंजुमन में—
अमृत का पियाला
आज का रांझा
चंदन तन
मुल्क
वक्त भी कैसी पहेली
शहरे वफ़ा

 

अपने जीवन में

अपने जीवन में सादगी रखना
आदमियत की शान भी रखना

बंद जेहनो के दर-दरीचो से
तुम न उम्मीदे-रौशनी रखना

डस न ले आस्तीन के साँप कही
इन से महफूज़ जिंदगी रखना

हो खुले दिल तो कुछ नहीं मुश्किल
दुश्मनों से भी दोस्ती रखना

मुस्तकिल रखना मंजिले-मकसूद
अपनी मंजिल न आरजी रखना

ए सुखनवर नए ख्यालों की
अपने शेरों में ताजगी रखना

अपनी नजरों के सामने ‘शेरी’
‘मीरो-ग़ालिब’ की शायरी रखना

२४ दिसंबर २०१२

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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