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पलते काले नाग
पलते काले नाग, तुम्हारे आँगन में
फूटे सब के भाग, तुम्हारे आँगन में
नहीं इजाज़त, अंदर आयें पढ़े-लिखे
गधे अलापें राग, तुम्हारे आँगन में
सब बहरे हैं, किसे सुनायें राम कथा
चिल्लाते हैं काग, तुम्हारे आँगन में
दीवारों पर तस्वीरें, आशाओं की
पके ख़याली साग, तुम्हारे आँगन में
नागफनी का जंगल, फैला है चहुंदिश
कौन बुझाये आग, तुम्हारे आँगन में
उछल कूद में लगी हुई वानर सेना
उल्लू रहे हैं जाग तुम्हारे आँगन में
कौन मसलता, बेरहमी से फूलों को
मिलता नहीं सुराग़, तुम्हारे आँगन में
१ अक्तूबर २०१८
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