बीते दिन खोए
दिन
दिनों का क्या
उड़ गए परिंदों से
पाकर भी खोए दिन
दिन
जीवन से जुड़े
किंतु आयु में घटे हुए
पल छिन व
दिन महीनों में बँटे हुए
जवानी और बुढ़ापे के
भोगे हुए दिन
मीठे तथा खट्टे दिन
कड़ुए तथा तीते दिन
रुपहले दिन
सुनहले दिन
हरे रंग वाले दिन
लाल तथा काले दिन
कई स्वाद कई गंध
ईश्वर की माया से
धूप और छाया के
ताप के ताये हुए दिन
सर्दी में ठिठुरे दिन
सारे के सारे ही
साँस में पिरोए दिन
उड़ गए परिंदों
से
मिलकर भी खोए दिन
दीख रहे सोए दिन
२८ जनवरी २००८
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