गीत हम गाते नहीं
गीत!
हम गाते नहीं तो
कौन गाता?
ये पटरियाँ
ये धुआँ
उस पर अंधेरे रास्ते
तुम चले जाओ यहाँ
हम हैं तुम्हारे वास्ते।
गीत!
हम आते नहीं तो
कौन आता?
छीनकर सब ले चले
हमको
हमारे शहर से
पर कहाँ सम्भव
कि बह ले
नीर
बचकर लहर से।
गीत!
हम लाते नहीं तो
कौन लाता?
प्यार ही छूटा नहीं
घर-बार भी
त्यौहार भी
और शायद छूट जाए
प्राण का आधार भी।
गीत
हम पाते नहीं
तो कौन पाता?
१ जुलाई २००५
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