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अनुभूति में सरिता शर्मा की रचनाएँ-

गीतों में-
कुछ पलों के लिये
ओस गिरती है उदासी की
तन की सीपी
बेटी
मैं पिघलती बर्फ की चट्टान
रात का आकाश


सवैये में-
मीरा


मुक्तक में-
बीस मुक्तक

दोहों में-
दर्द के दोहे
प्रेम के दोहे
भक्ति के दोहे
वैराग्य के दोहे

संकलन में-
होली है- आए ऋतुराज

शुभ दीपावली- दीप
शुभ दीपावली- माटी के दीपक

 

कुछ पलों के लिये

कुछ पलों के लिये आओ मिल जाएँ हम
खुशबुओं की तरह बादलों की तरह
भूल जाएँ चलो मान अभिमान को
सूफियों की तरह पागलों
की तरह!

चल पड़ें आज कोलाहलों से परे
रिक्त कर लें हृदय हलचलों से भरे
धड़कनों में बुनें राग अनुराग का
नृत्य करती हुई पायलों
की तरह!

वर्जना के जगत में सहज भूल सा
प्यार खिलता रहा जंगली फूल सा
धमनियों में घुला चाहतों का ज़हर
हम महकने लगे संदलों
की तरह!

१ जून २००५

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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