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डा. राजेंद्र गौतम

जन्म -
6 सितंबर 1952

शिक्षा-
पीएच० डी०, दिल्ली विश्वविद्यालय

प्रकाशित कृतियाँ- कविता संग्रह :
गीत पर्व आया है (1983)
पंख होते हैं समय के(1989)
बरगद जलते हैं (1998)

अन्य पुस्तकें :
हिंदी नवगीत : उद्भव और विकास
पंत काव्य में आभिजात्यवादी और स्वच्छंदतावादी तत्व साधारणीकरण की अवधारणा और काव्यास्वादन- प्रक्रिया
प्रकृति तुम वंद्य हो।
रचनात्मक लेखन तथा अनेक संपादित/अनूदित पुस्तकें।

'बरगद जलते हैं` तथा 'गीत पर्व आया है' कविता पुस्तकों पर हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा श्रेष्ठ कविता पुरस्कार।

द्विसदस्यीय शिष्टमंडल के सदस्य के रूप में तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से शोधार्थ दो बार मॉरिशस यात्रा।

संप्रति-रीडर, हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय।

ई मेल-
rajendragautam99@yahoo.com

 

अनुभूति में डा. राजेंद्र गौतम की रचनाएँ 

अंजुमन में-
क्या कम है
किस कदर सहमा हुआ है
जब हदों से
तब जब सब कुछ बिकता है
नहीं होते

गीतों में-
क़स्बे की साँझ
चिड़िया का वादा
द्वापर प्रसंग
पाँवों में पहिए लगे
पिता सरीखे गाँव
बरगद जलते है

मुझको भुला देना
मन, कितने पाप किए
महानगर में संध्या
वृद्धा-पुराण
शब्द सभी पथराए
सलीबों पर टंगे दिन

दोहों में-
बारह दोहे

 

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