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अनुभूति में डा. राजेंद्र गौतम की रचनाएँ 

नए गीत-
पाँवों में पहिए लगे
क़स्बे की साँझ

द्वापर प्रसंग

गीतों में-
चिड़िया का वादा
पिता सरीखे गाँव
बरगद जलते है

मुझको भुला देना
मन, कितने पाप किए
महानगर में संध्या
वृद्धा-पुराण
शब्द सभी पथराए
सलीबों पर टंगे दिन

दोहों में-
बारह दोहे

 

चिड़िया का वादा

चिड़िया का वादा है
मैं चुप्पी तोडूँगी

वर्षों से आले में पुरे जाले
गीत-ग़ज़ल-किस्सों पर
जंग लगे ताले

बुलबुल का वादा है
मैं चुप्पी तोडूँगी

बौराए आमों-से
सपनों पर पहरा
क़ाफ़िला खुशबुओं का
दूर कहीं ठहरा

कोयल का वादा है
मैं चुप्पी तोडूँगी

बादल की बारातें
आईं थीं, निकल गईं
पथराई झीलों से
वर्षाएँ विफल हुईं

सारस का वादा है
मैं चुप्पी तोडूँगी

16 फरवरी 2007

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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