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अनुभूति में मृदुल शर्मा की रचनाएँ-

नए गीतों में-
आँख दिखाई है
कठिन समय है
गीत छौने
भूल की

रस्मी प्रणाम से

गीतों में-
किसी की याद आई
खत मिला
जोड़ियों को तो बनाता है सदा रब
दूर ही रहो मिट्ठू

पितृपक्ष में
यह मत पूछो

संकलन में-
तुम्हें नमन- क्षमा बापू

 

कुछ भी बदला नहीं

कुछ भी बदला नहीं
वही सब बिलकुल वही-वही
धरे हाथ पर हाथ बेबसी
मुँह में जमा दही

राजा के घर राजा जन्में
बँधुआ घर बँधुआ
कहीं नाचती भूख
कहीं पर कटता माल-पुआ
अनुभव कहे ठोंक कर माथा
लिखा लिलार यही

लाठी और भैंस का रिश्ता
वैसा ही गहरा
अँधा है कानून
साक्ष्य फिरता है डरा-डरा
उँगली अगर उठी
कंधे पर, बचता हाथ नहीं

रूप भले बदला राजा का
लेकिन तंत्र वही
जहर उतार सके जो इसका
ऐसा मन्त्र नहीं
परिवर्तन की सभी कोशिशें
बिलकुल ही सतही

१ जून २०१५

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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