ज़्देन्येक वाग्नेर
जन्म- ३० मई १९५७ को चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में।
शिक्षा- रसायन एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय से रसायनशास्त्र
में उपाधि। संप्रति चेक राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में
वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत। वहाँ रासायनिक ऊष्मागतिकी और
पृथक्करण प्रक्रियाओं के क्षेत्र में अनुसंधान रत हैं।
कार्यक्षेत्र-
वैज्ञानिक अनुसंधान, लेखन एवं फोटोग्राफी। ज़्देन्येक वाग्नेर बचपन से चेक भाषा में कविता तथा
कहानियाँ लिखते हैं।
प्रकाशित
कृतियाँ-
उनकी छोटी रचनाएँ तीन आध्यात्मिक पुस्तकों में प्रकाशित हुई हैं। उन्होंने
चेक में तीन अपनी पुस्तकें लिखी हैं – एक परी कथाओं का संग्रह
(ड्रैगन के सात दिल चेक भाषा में Sedmero dračích srdcí), एक
विज्ञान उपन्यास जिसका नाम गुणसूत्र ४६,YB है और एक कहानियों
का संग्रह जिसका नाम एडिटा के सब
रहस्य है। इन किताबों में ज़रा
हिंदी, ज़रा रूसी और ज़रा नार्वे का इस्तेमाल किया गया है। उनकी
चौथी पुस्तक एक द्विभाषी काव्य संग्रह है जो उन्होंने भारतीय
कवयित्री अरुणा राय के संग लिखा है। संग्रह का नाम अरुणाकाश का
रास्ता है। उन्होंने एक नाटक भी लिखा है जिसका नाम है दुष्ट
अम्ल का पालतूकरण। नाटक सिर्फ़ चेक में लिखा गया है पर बहुलक
नामक गीत का हिंदी में अनुवाद किया गया है। उन्होंने चेक
कवयित्री व्येरा लुदीकोवा की कुछ छोटी रचनाओं के हिंदी में
अनुवाद किए हैं जो उनके जाल पृष्ठ पर उपलब्ध हैं। उन्होंने इन
अनुवादों को कुछ गोष्ठियों में सुनाया है। इसके अतिरिक्त वे
फ़ोटोग्राफ़ी के क्षेत्र में भी रुचि रखते हैं।
पुरस्कार व
सम्मान-
उन्हें अभिव्यक्ति विश्वम द्वारा आयोजित नवगीत महोत्सव- २०१४
में हिंदी भाषा में किये गये अपने कार्यों के लिये अभिव्यक्ति
पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
संप्रति- चेक
राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत।
संपर्क-
zdenek.wagner@gmail.com
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