तृषा
घर के कोने में टेबल पर
रखे एक्वेरियम में तैरती
एक मछली ने देखा
चिड़िया के घोंसले के सामने
चिड़िया
बार-बार उड़ आती
बाहर से
खुले मुँह से घोंसले में
चहचहाच करते बच्चे
सूखे गले में
पानी का बूँद खाली करती
आसपास देखा मछलीने
अलग-अलग भात की, रंग की,
तैरती मछलियाँ
तृषा बनने लगी
उनकी पीड़ा...!
१३ अक्तूबर २००८