वाह! क्या बात है
गर्मी, तुम्हारा आना
फसलों का पकना वाह क्या बात है!
तुम्हारा आना
आम का महकना मुँह में पानी आना वाह क्या
बात है!
भारी लबादे उतरे सूती कपड़े आए मौसम ने ली
अंगड़ाई
वाह क्या बात है!
बच्चे झूम रहे हैं छुटटी मना रहे
हैं
टी.वी. देख रहे हैं
वाह क्या बात है!
गुलमोहर फूल रहा है जीने की शिद्दत
दिखा रहा है
वाह क्या बात है!
३१
अगस्त २००९ |