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दोस्ती के मानदंड, परिभाषा
कोई बता सकता है?
शायद नहीं
यह तो मात्र अहसास है
मात्र इक संवेदना
इस रिश्ते में
रखना होता है गुरेज
खुदगर्जी, छल-कपट
और ठंडेपन से
दोस्ती तो समझदारी है
निभ जाए तो ठीक है
जिसके ख्य़ाल
दिल में कोमलता ला दें
मौजूदगी का अहसास करा दें
यही दोस्ती का
खरा मानदंड है
अगर संवेदनशीलता
दोनों तरफ़ बराबर हो
तो ज़िंदगी
बऱ्फ नहीं बन जाती
संवेदना की ऊष्मा
मन को, ज़िंदगी को,
जीने का आधार देती है

२४ जनवरी २००५

 

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