अनुभूति में
मधुलता अरोरा
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अकेलापन
अकेलापन सुखद अहसास है
इससे कोफ्त नहीं होती
यह तो लोगों को
परखने का साधन है
मन को, अनुभवों को
विस्तार मिलता है
अकेलापन खुद को खुद से
सिखाता है प्यार करना
भीड़ में खड़ा व्यक्ति
भले ही भ्रम में रहे
पर सच यह है कि वह
खुद में भी अकेला है
कोई किसी के पास होने का
दम नहीं भर सकता
परछाइंर् तक साथ नहीं देती
अमावस की मानिंद
अंधेरे में खो जाती है
अकेलापन!
कई भ्रमों को तोड़ता है
खुद को खुद से जोड़ता है
२४ जनवरी २००५
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