अनुभूति में
मधुलता अरोरा
की रचनाएँ-
नई रचनाओं में-
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अच्छा है ये मौन हैं
काश मैं बच्चा होती
पता नहीं चलता
मेरे अपने
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नारी
छंदमुक्त में-
अकेलापन
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मानदंड
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दिये जलाओ-
दीपोत्सव
मौसम- ओ मौसम
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अच्छा है ये मौन हैं
दस्तावेज़ों की
अजब कहानी
किसी पन्ने पर प्रेमकथा
किसी पर सच के दावे
किसी पर झूठ की दुहाई
और किसी पन्ने पर
लाखों की हुंडी
ये दस्तावेज़
फ़कत नहीं हैं पन्ने-
इन पर निर्भर हैं अनेक जीवन
लटकी हैं अधर में जि़न्दीगियाँ
ये चाहें तो
डुबा सकते हैं सबको
चाहें तो किनारे भी लगा सकते हैं
इनका मौन अपने आप में है सबलता,
सफलता की निशानी
अच्छा है ये मौन हैं
२३ मई २०११
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