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दिन शुभ
हमारा कर दिया |
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एक प्यारी सी मधुर
मुस्कान देकर
आपने दिन शुभ,
हमारा कर दिया
अनमना हर आदमी
बेहद दुखी और
मौन है
हर तरफ फैली
उदासी मुस्कुराता
कौन है
एक नन्हीं आस को
वरदान देकर
आपने उत्साह मन में
भर दिया
जाल सन्नाटे निरन्तर
बुन रहे हैं
कौन बोले।
कर बढ़ा सम्वेदना की
कुंडियों को
कौन खोले।
प्यार के दो बोल
होंठो पर सजाकर
सच कहूँ दारिद्र मन से
हर लिया ।
- मनोज जैन 'मधुर' |
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इस माह
चित्र कविता में
गीतों में-
दोहों में -
अंजुमन में-
छंदमुक्त
में-
हाइकु में-
कुंडलिया
में-
माहिया में-
मुक्तक में-
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