१-
फूलों को केवल मिला, छोटा सा गुलदान
पर खुशबू ने घेर ली, पूरी एक दुकान
२-
फूलों के संग बैठ कर, खिली मधुर मुस्कान
प्रेम गन्ध तन से बही, संगत है वरदान
३-
पत्थर के संसार मे, फूलों का व्यापार
खुशबू ले चलते बने, मिला नहि खरीदार
४-
फूलों को उँगली छुए, ले कर एक सुवास
अंग अंग में हो रहा, कोमल सा एहसास
५-
सब के सब बेरंग है, मिट्टी, नीर,
समीर
पर इनके भीतर छुपी, रंगों की जागीर
- संध्या सिंह
१ जून २०१८ |