अनुभूति में
डा. सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' की
रचनाएँ
नई रचनाएँ
ओस्लो की सड़क
पर, भीख माँगता दर-दर
बर्फ़ीला मौसम, विहँसते गुलाब
सड़क पर पर्यावरण देवी
कविताओं में-
ऊधव के पत्रों-सी
बाँच रही धूप
कवि वही
कविता
तितलियाँ
दूर देश से आई चिट्ठी
दो लघु रचनाएँ
नॉर्वे एक चित्र
प्रेम हमारे प्राण
बरखा के आने पर
मेरे सगे स्नेही लगते
राजनीति और लेखनी
शिकायत
शिकायत (समंदर से)
सूरज से कम नहीं उलाहना
क्षणिकाओं में-
संयम,
संबंध,
बड़बोले
हाइकू में-
विरोधाभास, सूखा, प्रेम, विरही क्षण,
केंचुल सा साथ
संकलन में
गांव में अलाव - बर्फ पांच
कविताएँ
गुच्छे भर अमलतास- दिन में पूनम का चाँद
तुम्हें नमन- युग पुरुष गांधी से
धूप के पांव- यह वह सूरज नहीं
मेरा भारत- धन्य भारतीय संस्कृति
वर्षा मंगल-
आई बरखा बहार
वसंती हवा- आकुल वसंत
शुभकामनाएँ- जीवन में बहुरंग
नया साल - स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा
ज्योति पर्व- दीप जलाना
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शिकायत
हे ईश्वर
मैं जब भी तुम्हारी शिकायत करता हूँ
अंतरिक्ष तक संपर्क होने से पूर्व
अक्सर फोन खराब मिलता है
अनेक अंकों के प्रयोग किये
पर तुम्हारा नम्बर न मिला
दूसरी तरफ से यही उत्तर मिला
नम्बर सही नहीं है या रांग नम्बर
अस्पताल में फोन किया
यह समझकर कि तुम वहाँ
किसी की सेवा करने आये होगे
पर वहाँ भी यही उत्तर मिला
पागलख़ाने फोन करो
आपत्काल-पुलिस सेवा पर
संपूर्ण किया तो वहाँ से जवाब मिला
ऐसी मजाकिया बातों के लिए
हमारा समय नष्ट न करें।
हे ईश्वर बताओ
किस अंकों का प्रयोग करुँ
व्यस्त लाइन पर शिकायत
किससे करूँ? |