|  | खोजो कि वो मिल 
                  जाए खोजो 
                  कि 'वो' मिल जाएबरसों बिछड़ा दिल खिल जाए
 खोजो आज समंदर को
 प्यासा साहिल ही मिल जाए
 खोजो, भरी दुपहरी में फिर
 कोई हमदम मिल जाए
 खोजो कि कोई चंचल चितवन
 तीर निशाना कर जाए
 खोजो कि कोई शाम सलोनी
 गम़ का फसाना बन जाए
 खोजो कि कोई रात अधूरी
 आँख की चितवन बन जाए
 खोजो कि कोई सुर्ख होठों पर
 प्यार का मरहम दे जाए!
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