अनुभूति में
राज जैन की रचनाएँ -
अंजुमन में-
आदमी
आ के मिलिये
एक लम्हा ज़िन्दगी़
कल शहर था
तुमसे मिल कर
पहली बार
मुस्कुराने की चाहत
यह ख़लिश
संकलन में-
वर्षा मंगल -
बिरहा
ज्योति पर्व -
दिये जला देना
गांव में अलाव-ठिठुर
ठिठुर कर
शुभकामनाएँ -आज
झिझको
प्रेमगीत-
मीठी उलझन
हाइकू में
नयी कामना
काव्यचर्चा में
सच
सादगी और सरलता |
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पहली बार
प्यार
हुआ पहली बार
अब ना मैं हूँ मेरी
ना मेरे एहसास
मेरे हर रोम रोम में
बस तेरी ही प्यास
एक लाल गुलाब
दे कर तूने
दे दिए मेरे
सब प्रश्नों के जवाब
अब तेरे ख्वाब ही
मेरा जीवन है
और
जीवन बस एक ख्वाब
कैसे हुआ ये चमत्कार
जो भी है अब है स्वीकार
प्यार
हुआ
पहली बार |