अनुभूति में
राज जैन की रचनाएँ -
अंजुमन में-
आदमी
आ के मिलिये
एक लम्हा ज़िन्दगी़
कल शहर था
तुमसे मिल कर
पहली बार
मुस्कुराने की चाहत
यह ख़लिश
संकलन में-
वर्षा मंगल -
बिरहा
ज्योति पर्व -
दिये जला देना
गांव में अलाव-ठिठुर
ठिठुर कर
शुभकामनाएँ -आज
झिझको
प्रेमगीत-
मीठी उलझन
हाइकू में
नयी कामना
काव्यचर्चा में
सच
सादगी और सरलता |
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नयी कामना —
(हाइकु)
इतनी लम्बी
और अकेली राह
उम्र तुम्हारी
सुर ये तेरा
नदिया का स्वर
प्यार भरा है
जब जब भी
उड़ते हैं बादल
घिर जाता हूँ
टिमटिमाती
मोमबत्ती की जोत
आसरा तेरा
लिपटी जाए
पीपल पर बेल
नई कामना
तुम आये हो
छँट कर बादल
मुस्काया मन
शोर मचाती
बहती पुरवाई
नयी जवानी
बूंद बूंद में
सिमटा समंदर
बात गुरू की
उम्र हुई है
अब तो बरगद
बनो बैरागी
१६ फरवरी २००५ |