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अनुभूति में राज जैन की रचनाएँ -

अंजुमन में-
आदमी
आ के मिलिये
एक लम्हा ज़िन्दगी़
कल शहर था
तुमसे मिल कर
पहली बार
मुस्कुराने की चाहत

यह ख़लिश

संकलन में-
वर्षा मंगल - बिरहा
ज्योति पर्व - दिये जला देना
गांव में अलाव-ठिठुर ठिठुर कर
शुभकामनाएँ -आज झिझको
प्रेमगीत- मीठी उलझन

हाइकू में
नयी कामना

काव्यचर्चा में
सच सादगी और सरलता

  आदमी

थोड़ा सच्चा थोड़ा खोटा आदमी
हो गया है कितना छोटा आदमी

खुद के रुख़ पर और कभी तो रूह पर
ओढ़ता है एक मुखौटा आदमी

ज़िन्दगी़ भर ज़िन्दगी़ को खोजता
खुद को पाता और खोता आदमी

ढोकरें खाता सँभलता हर दफ़ा
और फिर सपने संजोता आदमी

ख्वाब, ख्वाहिश, हसरतें और बेबसी
कितने सारे बोझ ढोता आदमी

 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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