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राज जैन

बंगलोर के राज जैन एम.बी.ए. करने के बाद अपने व्यवसाय में हैं। उनकी कविताएँ सरल शब्दों और सुन्दर कल्पनाओं के कारण अत्यंत लोकप्रिय हैं। उनके जालघर 'आखर' में उनकी लगभग सभी कविताओं, गज़लों, गीतों का संग्रह है।

स्वभाव से संकोची राज ने अपना परिचय माँगने पर एक शेर लिख भेजा-

शोहरत क्या है एक सज़ा है
गुमनामी में ख़ास मजा है

 

 

अनुभूति में राज जैन की रचनाएँ -

अंजुमन में-
आदमी
आ के मिलिये
एक लम्हा ज़िन्दगी़
कल शहर था
तुमसे मिल कर
पहली बार
मुस्कुराने की चाहत

यह ख़लिश

संकलन में-
वर्षा मंगल - बिरहा
ज्योति पर्व - दिये जला देना
गांव में अलाव-ठिठुर ठिठुर कर
शुभकामनाएँ -आज झिझको
प्रेमगीत- मीठी उलझन

हाइकू में
नयी कामना

काव्यचर्चा में
सच सादगी और सरलता

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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