डॉ. शैलेश गुप्त
वीर
शिक्षा-
परास्नातक(प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विज्ञान,
पी-एच.डी.(पुरातत्व विज्ञान), यूजीसी-नेट (पुरातत्व विज्ञान),
एम.जे.एम.सी.(पत्रकारिता एवं जनसंचार),
बी.एड., डिप्लोमा इन रसियन लैंग्वेज़, डिप्लोमा इन
उर्दू लैंग्वेज़, ओरियन्टेशन कोर्स इन म्यूजियोलॉजी एण्ड
कन्ज़र्वेशन।
कार्यक्षेत्र-
संपादन, समीक्षा एवं साक्षात्कार लेखन के साथ साथ, -साहित्य,
संस्कृति, पत्रकारिता, इतिहास तथा पुरातत्व विषयक विभिन्न
राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय गोष्ठियों, संगोष्ठियों,
शोध-संगोष्ठियों, सम्मेलनों तथा कार्यशालाओं में सहभागिता और
प्रस्तुतीकरण। उपसंपादक- गुफ्त़गू (त्रैमासिक), इलाहाबाद,
कार्यकारी संपादक- तख़्तोताज (मासिक), इलाहाबाद, अतिथि संपादक-
पुरवाई (वार्षिक), बलिया।
सम्प्रति-
अध्यक्ष-‘अन्वेषी’, साहित्य एवं संस्कृति की प्रगतिशील संस्था,
फतेहपुर।
पुरस्कार व सम्मान-
कला रत्न पुरस्कार (‘काव्यांजलि’ संस्था, कानपुर द्वारा,
रामकृष्ण कला-साहित्य सम्मान,
(इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर द्वारा) श्री मोहनलाल
गुप्त स्मृति जनसेवा सम्मान।
ईमेल-
doctor_shailesh@rediffmail.com |
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अनुभूति में
डॉ. शैलेश गुप्त वीर की रचनाएँ-
क्षणिकाओं में-
नौ क्षणिकाएँ
अंजुमन में-
उम्र मेरी कटी है
ज़ख़्म पर ज़ख़्म
झूठ गर बेनक़ाब
बात बात में
मन भीतर
मन में बोझ
महँगाई की मार
छंदमुक्त में-
आठ छोटी कविताएँ
संकलन में-
धूप के पाँव-
गर्मी - दस
क्षणिकाएँ
नया साल-
साल पुराना
नये वर्ष की कामना
अशोक-
जीवन रहे अशोक
देवदारु-
देवदारु - दस क्षणिकाएँ
संक्रांति-
संस्कृति देती गर्व
शिरीष-
शिरीष दस क्षणिकाएँ
होली है-
राग रंग का पर्व |