प्रभु दयाल
जन्म ४ अगस्त १९४४ को धरमपुरा दमोह (म.प्र.) में
शिक्षा वैद्युत यांत्रिकी में पत्रोपाधि
कार्यक्षेत्र
विद्युत मंडल की सेवा से सेवा निवृत कार्यपालन यंत्री। विगत दो
दशकों से अधिक समय से कहानी, कविताएँ व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख,
बुंदेली लोकगीत, बुंदेली लघु कथाए, बुंदेली गज़लों का लेखन।
प्रकाशित कृतियाँ
दूसरी लाइन, बिल क्लिंटन का नामकरण संस्कार, (व्यंग्य संग्रह),
बचपन गीत सुनाता चल, बचपन छलके छल छल छल, शाला है अनमोल खजाना,
बच्चे सरकार चलाएँगे (बालगीत संग्रह) प्रकाशित। लगभग सभी
प्रमुख पत्र, पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित एवं आकाशवाणी व
दूरदर्शन से प्रसारित। अनेक संस्थाओं द्वारा साहित्य सेवा के
लिये पुरस्कृत। बुंदेलखंड साहित्य परिषद भोपाल और छिंदवाड़ा जिला
इकाई के अध्यक्ष बुंदेली साहित्य के विशेषज्ञ।
संप्रति-
सेवा निवृत कार्यपालन यंत्री म. प्र.विद्युत मंडल
छिंदवाड़ा से
ईमेल- pdayal_shrivastava@yahoo.com
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अनुभूति में
प्रभु दयाल की रचनाएँ-
कुंडलिया में-
छह कुंडलिया राजनीति से
गीतों में-
कुछ बात करें चुपके चुपके
खोल दूँगी खिड़कियाँ
भीतर की तनहाई
सुबह सुबह ही भूल गए
सूरज फिर से हुआ लाल है
हम नंगे पाँव चले आए
अंजुमन में-
घी शक्कर का रोटी पुंगा
दोनों खुश
हैं
पी लो पीड़ा
बंदर बिगड़ते जा रहे हैं
क्षणिकाओं
में-
दस क्षणिकाएँ
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