अनुभूति में
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संसद
साइज़
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संसद
संसद हमारी अपनी
एक ट्रांसपोर्ट कंपनी,
जिसमें बड़ा कारोबार
होता है,
कोई पाता है
कोई खोता है,
हँसने सी बात नहीं
मंत्रीपदों का
यातायात होता है,
प्रवृत्ति
महंगाई कितनी ही
बढ़ जाए,
दिखावे की बेड़ियाँ
नहीं तोड़तें हैं,
नमक का भाव
आसमान चढ़ जाए पर
दूसरों के जली पर
छिड़कना नहीं
छोड़ते हैं।
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