अनुभूति में
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कारनामे
आतंकवादी कारनामें
रोज़ सैंकड़ों लाशों के
पंचनामे,
भूख व्याकुल करे
या दंगों में गरीब मरे,
किस्मत में मरना ही
लिखा है तो
बेचारी सरकार क्या करे,
ये उपाय तो
जनसंख्या नियंत्रण के
तौर है
सचमुच हमारे देश में
विकास का दौर है।
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