चैक पर लिख दूँ
रकम चैक पर रकम लिख
दूँ, ले कर दूँ हस्ताक्षर
प्यार का तरीका यह
नया है सुनयनी।
छुआ छुअन बतरस तो
बाबा के संग गए
मीठी मनुहार अब यहाँ कहाँ
छेड़छाड़ रीझ खीझ
नयन झील में डुबकी
चित्त आर-पार अब यहाँ कहाँ
रात कटी आने का इंतज़ार करने में
जाने के लिए
भोर भया है सुनयनी।
कौन-सा जन्मदिन है
आ तेरे ग्रीटिंग पर
संख्याएँ टाँक दूँ भली-भली
सात मिनट बाकी हैं
आरक्षित फ़ुरसत के
चूके तो बात साल भर टली
ढ़ाई आखर पढ़ने, ढाई साल का बबुआ
अभी-अभी विद्यालय
गया है सुनयनी।
मीरा के पद गा कर
रांधी रसखीर उसे
बाहर कर खिड़क़ी के रास्ते
दिल्ली से लंच पैक
मुंबईया प्रेम गीत
मँगवाया ख़ास इसी वास्ते
तू घर से आती है, मैं घर को जाता हूँ
यह लोकल गाड़ी की
दया है सुनयनी।
९ नवंबर २००९ |