अनुभूति में
कृष्ण नंदन मौर्य की रचनाएँ-
नयी रचनाओं में-
अंधे न्यायालय को
कटा कटा गाँव
कस्तूरी की गंध
जादू वाली छड़ी
जिस आखर से खुले
गीतों में-
अब मशीने बोलती हैं
क्या उड़ने की आशा
नदिया के उस पार
मन को भाता है
रहे सफर में
संकलन में-
विजय पर्व-
राम को तो आज भी वनवास है
नया साल-
नये वरस जी
शुभ दीपावली-
उजियारे की बात
जग का मेला-
तितली
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नदिया के उस
पार
नाविक
नदिया के उस पार
शुचिता की
गुरुतम गरिमा है,
या अधरों का छुद्र विलास
मिट जाने की अभिलाषा है
या रंगों की उथली प्यास
कुछ अनजाना वैभव भी है
या इस जग सा ही
व्यापार
नाविक
नदिया के उस पार
नश्वर में
है अमर देव या
पाले है अमरत्व पिशाच
हृदयों से निसृत स्मित है
या मुख का छलनामय हास
अर्थपूर्ण हैं श्वासें उसकी
या इस जीवन सी
निस्सार
नाविक
नदिया के उस पार
२९ अप्रैल २०१३
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