अनुभूति में सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएँ-
कविताओं में- अंधेरे का मुसाफ़िर एक सूनी नाव तुम्हारे लिए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट रात में वर्षा व्यंग्य मत बोलो विवशता शुभकामनाएँ सब कुछ कह लेने के बाद सुरों के सहारे
संकलन में- वसंती हवा- आए महंत वसंत गाँव में अलाव - जाड़े की धूप पिता की तस्वीर- दिवंगत पिता के प्रति नया साल- शुभकामनाएँ
क्षणिकाओं में वसंत समर्पण आश्रय
गोली खाकर एक के मुँह से निकला- 'राम'।
दूसरे के मुँह से निकला- 'माओ'।
लेकिन तीसरे के मुँह से निकला- 'आलू'।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट है कि पहले दो के पेट भरे हुए थे।
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