मेरा जीवन (हाइकु)
१
मेरा जीवन,
राम-वनवास का
अन्तिम वर्ष।
२
है न सरल
जीवन का गणित,
लगे भले ही।
३
धार्मिक ग्रन्थ
दिखला कहाँ पाये
सत्य का पन्थ!
४
अब तो छोड़ो
ये मन्दिर-मस्जिद,
दिलों को जोड़ो।
५
जग सुरंग
है देह का पिंजरा,
प्राण विहंग।
६
तरसाती है,
इच्छा स्वर्णमृग-सी
भरमाती है।
७
पाट वक्त का,
पीसे जौ-गेहूँ-मक्की,
जीवन चक्की।
८
कर्म की पूंजी
और भाग्य का खाता,
लिखे विधाता।
९
किस्मत सारी
कोई तो है बन्दर,
कोई मदारी।
१०
पर्दा उठाओ,
जारी रहे नाटक,
पर्दा गिराओ।
११
फूल औ` काँटे,
चुन-चुन सबको
उसी ने बाँटे।
१२
बूँद से पानी,
नदी, फिर सागर,
यही कहानी।
१३
समझा कौन!
वेद-पुराण-गीता,
सभी तो मौन।
१४
तेरा-न-मेरा,
दुनिया है केवल
रैन-बसेरा।
५ अक्तूबर २००९ |