राम निवास मानव
जन्म :
8
अक्टूबर,
सन्
1954
को तिगरा,
जिला महेन्द्रगढ़ (हरियाणा) के प्रतिष्ठित स्वतन्त्राता-सेनानी
पंडित मातादीन के घर।
शिक्षा :
एम.ए.
(हिन्दी), पी-एच.डी.,
डी.लिट. तक।
कृतियां :
'धारा-पथ',
'रश्मि-रथ',
'सांझी
है रोशनी',
'बोलो
मेरे राम',
'सहमी-सहमी
आग',
'शेष
बहुत कुछ',
'केवल
यही विशेष'
, 'कविता
में उत्तारांचल'
(कविता-संग्रह),
'हम
सब हिन्दुस्तानी',
'आओ,
गाओ बच्चो',
'मुन्ने
राजा आजा',
'लो,
सुनो कहानी'
(बालगीत-संग्रह),
'घर
लौटते क़दम',
'इतिहास
गवाह है'
(लघुकथा-संग्रह),
'स्वतन्त्राता-संग्राम
और हरियाणा',
'स्मृति-शेष
: पंडित मातादीन',
'व्यंग्य
के पुरोधा : डॉ0
परमेश्वर गोयल',
'वन्दना
के शब्द'
(सम्पादित),
'हरियाणा
में रचित सृजनात्मक हिन्दी-साहित्य'
तथा
'हरियाणा
में रचित हिन्दी-महाकाव्य'
(शोध-प्रबन्ध)
सहित कुल पच्चीस कृतियां प्रकाशित।
विशेष :
अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत व सम्मानित डॉ. रामनिवास मानव की
रचनाओँ पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में एम.फिल.
हेतु तथा पी-एच.डी. हेतु अनेक बार शोधकार्य सम्पन्न हुआ है। एक
लघु शोध-प्रबन्ध प्रकाशित। कुरुक्षेत्र
विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र,
महर्षि दयानन्द विश्व-विद्यालय,
रोहतक और चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय,
सिरसा द्वारा चार-चार कविताएं तथा दो-दो
शोध-प्रबन्ध एम0ए0 (हिन्दी)-द्वितीय
वर्ष के पाठयक्रम में सम्मिलित हैं।
पंजाबी में दो पुस्तकें 'इक नवां
इतिहास' (दोहा-संग्रह) तथा 'इक
ही रस्ता' (लघुकथा-संग्रह) और संस्कृत
में एक 'हाइकु-रत्न-मालिका
(हाइकु-संग्रह) अनूदित एवं प्रकाशित। देश-विदेश की पैंसठ भाषाओं
में विविध रचनाएं अनूदित।
ईमेल
manavbharti@gmail.com
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अनुभूति में
राम निवास मानव की रचनाएँ-
नए हाइकु-
देखे जो छवि
कुंडलियों में-
हुई दर्दशा मंच की
हाइकु में-
जग सुरंग
नेता नरेश
बहरे पंच
मेरा जीवन
दोहों में-
कलजुगी दोहे
जीवन का नेपथ्य
महफ़िल थी इंसान की
राजनीति के दोहे
रिश्तों में है रिक्तता
सूख गई संवेदना
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