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अनुभूति में सुरेन्द्रनाथ मेहरोत्रा
की रचनाएँ —


तुकांत में-
आज के अर्जुन का आत्मबोध
आज कैसे गीत गाऊँ
नीति पथ
बाद मरने के
वरदान यह दो
शंकर का वरद पुत्

साहिल पे सफीना

मुक्तकों में-
तीन मुक्तक

संकलन में-

ज्योति पर्व में–नमन दीप को सौ सौ बार
दिये जलाओ–रात रात भर

 

साहिल पे सफीना

साहिल पे सफीना ले आया
खुशियों को किनारे ले आया

मझधार पे रूठे माझी को
नगमात दिखाने ले आया।।

तेरा जिक्र किया था लहरों ने
लहरों को किनारे ले आया

तेरे रूप के चर्चे दिलकश थे
जलवात दिखाने ले आया।।

साहिल से लगी इस कश्ती को
बावख्त न बाजू दे पाए

ये डर है हवा के बेरुख से
साहिल पे न तूफां आ जाए।। 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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