अनुभूति में
जया नरगिस की रचनाएँ—
कविताओं में-
कामयाबी का नग़मा
गीत मेरे
तमाशा
भाषा स्पर्श की
शगल
अंजुमन में-
आँगन की धूप
एक सच
खुशियाँ घायल
पतझड़ में बहारों की महक
शरद का चाँद
हैं अंधेरे
संकलन में-
धूप के पाँव-एक
गठरी आग
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शरद का चाँद
उसका चेहरा शरद का चाँद लगे
चाँद का अंक उसके बाद लगे
ये जो छोटी-सी ज़िंदगी है मेरी
तुझसे मिलकर ये बेमियाद लगे
जिसकी उम्मीद छोड़ रक्खी थी
तू वो पूरी हुई मुराद लगे
प्यार संगीत में जो ढल जाए
एक-एक साँस ब्रह्म-नाद लगे
ए खुश अब ज़बाने-इंसा को
फिर न इंसा के खूं का स्वाद लगे
ऐसे अशआर सुनाओ 'नर्गिस'
ज़िक्रे-नाशादियां भी शाद लगे
१ दिसंबर २००५
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