अनुभूति में
जया नरगिस की रचनाएँ—
कविताओं में-
कामयाबी का नग़मा
गीत मेरे
तमाशा
भाषा स्पर्श की
शगल
अंजुमन में-
आँगन की धूप
एक सच
खुशियाँ घायल
पतझड़ में बहारों की महक
शरद का चाँद
हैं अंधेरे
संकलन में-
धूप के पाँव-एक
गठरी आग
|
|
गीत मेरे!
गीत मेरे किसी को उदास मत करना
किसी नैन-गागर में नीर मत भरना
दुख अपना तू मन के शीशे में
जड़कर
मुस्काना सीख ले खुशी से बिछड़कर
पीड़ा की चाप अधर द्वार मत धरना
संगम हृदय का हृदय से कराने
द्वेष-आँधियों में प्रेम-दीपक जलाने
मरने से भी तू सौ-बार मत डरना
कंठ मौन होगा ये स्वर मौन
होंगे
एक दिवस जब मेरे अधर मौन होंगे
पतझड़ के फूलों-सा तू मत बिखरना।
१ दिसंबर २००५
|