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नई रचनाओं में-
उनका दर्द मेरी जुबान
चेतावनी
लाठी

वह किस्सा ही क्या जो चलता न रहे।

बालगीतों में-
उत्तर उत्तर प्रश्न प्रश्न है
किसको भैया कब है भाया
छोटी छोटी बातों पर
दादा की मूँछों से
हवा हिलाती

अंजुमन में-
रात में भी
आए भी तो
हाक़िम हैं

:छंदमुक्त में-
उम्मीद
एक बची हुई खुशी
बहुत कुछ है अभी
रहस्य अपना भी खुलता है
सबक
जीवन

क्षणिकाओं में-
हस्तक्षेप

संकलन में-
जग का मेला- चीं चीं चूं चूं

 

चेतावनी

यूँ भी न हँसिए जनाब
ज़रा हटिए भी परे
सुना हॆ
आसपास हैं
कवि विष्णु खरे!

२२ अगस्त २०११

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