वो धोखा दे गया
वो धोखा दे गया हमको जरा से इक
बहाने से
हमें शक उसपे था लेकिन डरे हम आज़माने से
तेरे चेहरे पे ये मासूमियत भी
खूब जमती है
क़यामत आ ही जाएगी ज़रा-सा मुस्कुराने से
वहाँ इंसानियत का खून करने वाले
ही तो थे
नहीं था आग का रिश्ता किसी का घर जलाने से
न ही जादूगिरी ना खेल है कोई
तिलिस्मों का
यहाँ बनती है किस्मत अपने हाथों से बनाने से
तुम्हे अद्भुत से ही सारे मिले
होंगे मगर हमको
शिकायत थी ज़माने से शिकायत है ज़माने से
१ दिसंबर २००८ |