मुझमें इतने
खोए आँसू
मुझमें इतने खोए आँसू
जब मैं रोया रोए आँसू
मेरे प्यार की इक माला में
जग ने बहुत पिरोए आँसू
यों लगते हैं निखरे निखरे
हैं आँसू से धोए आँसू
हरदम मुझको रहे जगाते
नहीं स्वयम भी सोए आँसू
काटे आँसू ही आँसू बस
क्या थे इतने बोए आँसू
जैसे हो सर पर एक कर्ज़ा
यों जीवन भर ढोए आँसू
लुटता-सा महसूस हुआ सब
जब जब अद्भुत खोए आँसू
१ दिसंबर २००८ |