अनुभूति में
आस्था की रचनाएँ-
छंदमुक्त में
किला
खुद से शिकायत
तुम्हारी याद
बेमौसम
रिश्ता
क्षणिकाओं में-
आस्था की क्षणिकाएँ
हाइकु में
दोस्त शुक्रिया
संकलन में
वर्षा मंगल –
अनोखा
अहसास
ज्योतिपर्व –
ऐसी दीवाली
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इस साल भी
गाँव में अलाव–
असह्य शीत
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अबके शरद
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अपनापन
होली– यह कैसी होली
शुभकामनाएँ–
सात रंग
प्रेमगीत– लगन लगी
गुच्छे भर अमलतास –
तपन,
तलाश
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खुद से शिकायत
कोई वादा नहीं ना कोई इकरार किया
हर घड़ी फिर क्यों तेरा इन्तज़ार किया
कुछ ही लम्हें तो साथ चले थे हम
दिल क्यों फिर तुझ पर यूँ निसार किया
किस्मत ने साथ दिया वक्त ने मिला दिया
कभी प्यार का क्यों ना इज़हार किया
रोके रूकती नहीं है उम्र सुन ए सनम
कभी तो कह दे कि तूने प्यार किया
था साथ पाकीज़ा हर बात इबादत
किस जुर्म पर ज़िन्दगी को बेज़ार किया
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