अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में आस्था की रचनाएँ-

छंदमुक्त में
किला
खुद से शिकायत
तुम्हारी याद
बेमौसम
रिश्ता

क्षणिकाओं में-
आस्था की क्षणिकाएँ

हाइकु में
दोस्त शुक्रिया

संकलन में
वर्षा मंगल – अनोखा अहसास
ज्योतिपर्व – ऐसी दीवाली
        – इस साल भी
गाँव में अलाव– असह्य शीत
           – अबके शरद
           – अपनापन
होली– यह कैसी होली
शुभकामनाएँ– सात रंग
प्रेमगीत– लगन लगी
गुच्छे भर अमलतास – तपन, तलाश

  बे मौसम

यह बेमौसम
बारिश
तूफान का बवंडर
काली स्याह रात
गूंजती हवा
बयान हो रहा जैसे
मन का हाल!

खुशी हो या ग़म
मिलन या
जुदाई
नहीं होते बस में
रहे
होनी हो कर
नियति न बदलती
कभी कुछ मिलता
कभी
कुछ खो जाता
वक्त के आगे
यूँ मन
बेबस हो जाता


 
 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter