अनुभूति में
आस्था की रचनाएँ-
छंदमुक्त में
किला
खुद से शिकायत
तुम्हारी याद
बेमौसम
रिश्ता
क्षणिकाओं में-
आस्था की क्षणिकाएँ
हाइकु में
दोस्त शुक्रिया
संकलन में
वर्षा मंगल –
अनोखा
अहसास
ज्योतिपर्व –
ऐसी दीवाली
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इस साल भी
गाँव में अलाव–
असह्य शीत
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अबके शरद
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अपनापन
होली– यह कैसी होली
शुभकामनाएँ–
सात रंग
प्रेमगीत– लगन लगी
गुच्छे भर अमलतास –
तपन,
तलाश
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बे मौसम
यह बेमौसम
बारिश
तूफान का बवंडर
काली स्याह रात
गूंजती हवा
बयान हो रहा जैसे
मन का हाल!
खुशी हो या ग़म
मिलन या
जुदाई
नहीं होते बस में
रहे
होनी हो कर
नियति न बदलती
कभी कुछ मिलता
कभी
कुछ खो जाता
वक्त के आगे
यूँ मन
बेबस हो जाता
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