प्यारे कृष्ण कन्हैया
कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया
तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।।
दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोला
चक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोला
काली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।।
गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानें
रास रचाते पुलिस पकड़ कर ले जाएगी थाने
लेन देन करके फिर छुड़वाएगी जसुमति मैया।
कलयुग में अब. . .।।
नंद बाबा के पास गाय की जगह मिलेंगे कुत्ते
औ कदंब की डार पे होंगे मधुमक्खी के छत्ते
यमुना तट पर बसी झुग्गियों में करना ता थैया।
कलयुग में अब. . .।।
जीन्स और टीशर्ट डालकर डिस्को जाना होगा
वृंदावन को छोड़ क्लबों में रास रचाना होगा
प्यानो पर धुन रटनी होगी मुरली मधुर बजैया।
कलयुग में अब. . .।।
देवकी और वसुदेव बंद होंगे तिहाड़ के अंदर
जेड श्रेणी की लिए सुरक्षा होंगे कंस सिकंदर
तुम्हें उग्रवादी कह करके फसवा देंगे भैया
कलयुग में अब. . .।।
विश्व सुंदरी बनकर फ़िल्में करेंगी राधा रानी
और गोपियाँ हो जाएँगी गोविंदा दीवानी
छोड़के गोकुल औ' मथुरा बनना होगा बंबइया।
कलयुग में अब. . .।।
साड़ी नहीं द्रौपदी की अब जीन्स बढ़ानी होगी
अर्जुन का रथ नहीं मारुति कार चलानी होगी
ईलू-ईलू गाना होगा गीता गान गवैया।
कलयुग में अब. . .।।
आना ही है तो आ जाओ बाद में मत पछताना
कंप्यूटर पर गेम खेलकर अपना दिल बहलाना
दुर्योधन से गठबंधन कर बनना माल पचइया।
कलयुग में अब. . .।।
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