मैं बार– बार
आऊँगा
मैं बार– बार आऊँगा
लेकर फूलों का हार
सभी के द्वार।
जितने भी काँटे पथ में
बिखरे हुए पाऊँगा
आने से पहले मैं
जरूर हटाऊँगा।
मैं बार – बार आऊँगा।
बहुत हैं अँधेरे जग में
आँगन में देहरी पर
जहाँ तक हो सकेगा
दीपक जलाऊँगा।
मैं बार– बार आऊँगा।
मुस्कानों की खुशबू को
बिखेर हर चेहरे पर
सूरज -सी चमक सदा
हर बार लाऊँगा
मैं बार– बार आऊँगा।
रामेश्वर दयाल काम्बोज 'हिमांशु'
देखो आया है साल नया
कुछ सुख देकर कुछ दु:ख देकर
जीवन से पिछला साल गया।
मीठी सौग़ातें लेकर के
आया है देखो साल नया।
हों बंध नए संबंध नए
सुर, लय, गति के संग छंद नए
हों शब्द नए शृंगार नया
जीवन साथी का प्यार नया
तन मन में हो उल्लास नया
धन माल नया रूमाल नया।
मीठी सौग़ातें लेकर के
आया है देखो साल नया।।
हो रीत नई और प्रीत नई
जीवन के पथ पर जीत नई
हो गीत नया संगीत नया
महका-महका मन मीत नया
चुंबन की सिहरन नई-नई
थपकी भी नई और गाल नया।
मीठी सौग़ातें लेकर के
आया है देखो साल नया।।
सुनील जोगी
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