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अनुभूति में योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' की रचनाएँ

नए गीतों में-
आना जाना छोड़ दिया
उलझी वर्ग पहेली जैसा
छोटा बच्चा पूछ रहा है
पुरखों की यादें
रिश्ते बने रहें

गीतों में-
आज अपने गाँव में
इच्छाएँ सारी
कॉलोनी के लोग
धीरे धीरे
पीतलनगरी मुरादाबाद के लिये
मुश्किल भरे कँटीले पथ पर

संकलन में-
ममतामयी- कैसी है अब माँ
 


 

 

मुश्किल भरे कँटीले पथ पर

मुश्किल भरे कँटीले पथ पर
युवा स्वप्न घायल

मात्र एक पद हेतु देखकर
लाखों आवेदन
मन को कुंठित करती रहती
भीतर एक घुटन
बढ़ता जाता घोर निराशा का
दलदल पल-पल

मेहनत से पढ़कर, अपनाकर
केवल सच्चाई
बुधिया के बेटे को कहाँ
नौकरी मिल पाई
अपने-अपने स्वार्थ सभी के
अपने-अपने छल

रोज़गार के सिमट रहे जब
सभी जगह अवसर
और हो रहा जीवन-यापन
दिन-प्रतिदिन दुश्कर
समझ न आता निकले कैसे
समीकरण का हल

६ सितबंर २०१०

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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